विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून 2024

पर्यावरण  बचाओ  मिलकर, मत कर तेरी मेरी।
वृक्ष लगा हरियाली लाओ, बिना किसी भी देरी।।
जग-प्रांगण में  वृक्ष लगाना, यह कर्तव्य  हमारा।
सुखमय जीवन हेतु सभीके,केवल प्रकृति सहारा।।

पेड़ पौधे पूरे दुनिया के लिए प्रकृति का अनूठा उपहार है

पेड़ पौधे पूरी दुनिया के लिए प्राकृतिक का अनूठा उपहार है

अपने कार्यालय के आस पास वातावरण को हरियाली के लिए पीपल पाकड़, अशोक,व केले का पौधे को लगाकर 05 जून पर्यावरण दिवस के अवसर पर लगाया और हर व्यक्ति को अपने जीवन में एक पेड़ अवश्य लगाना चाहिए ताकि आने वाले पीढ़ियों को पेड़ों से ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में मिलते रहे,पेड़ पौधे से फल और सब्जियां जैसे आवश्यक सामग्री मिलते हैं और वह हमें उपचार के लिए जड़ी बूटी और औषधियां भी प्रदान करते हैं पेड़ पौधे से पर्यावरण में प्रदूषण को कम करने में मदद मिलता है साथ ही जिस हवा से सांस लेते हैं पेड़ पौधे उसे साफ करते हैं और शुद्ध आक्सीजन प्रदान करते है। पेड़ पौधे रहने से अपने आसपास के वातावरण ठंडा और आरामदायक स्थिति में मदद रहता हैं। जब बहुत धूप तेज होती है तो वह सूरज अवरोध की तरह काम करता है। जिससे मानसिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

आज 14 सितंबर हिंदी दिवस के अवसर पर दिव्य एकेडमी कोचिंग संस्थान बबुरी में सुलेख प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमे प्रियंका प्रथम, सुहाना द्वितीय और कीर्ति ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।
विद्यालय में पढ़ाने वाली हिंदी की वरिष्ठ अध्यापिका सुनीता केशरी द्वारा बच्चों को गोल्ड मेडल सिल्वर मेडल और ब्रांज मेडल द्वारा पुरस्कृत किया गया।।
विद्यालय के प्रबंधक अरुण कुमार पाठक जी ने बच्चो का उत्साह वर्धन किया।

मिर्जापुर के कछवां थाना क्षेत्र के नरायनपुर गांव निवासी चंद्र प्रकाश पटेल, जो भारतीय सेना के जवान थे, युद्धाभ्यास के दौरान तोप पर शहीद हो गए। सेना के सूबेदार नरेंद्र सिंह ने बताया कि यह तोप पर कैजुएल्टी का मामला है। शहीद जवान का पार्थिव शरीर सेना द्वारा आज दोपहर में कछवां लाया जाएगा, जहां पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार गंगा तट पर किया जाएगा।
चंद्र प्रकाश पटेल का 2010 में भारतीय सेना में पहले प्रयास में चयन हुआ था। वह सेना की 99वीं बटालियन में तैनात थे और इन दिनों राजस्थान के सूरतगढ़ में तैनात थे। 22 अक्टूबर को वह घर आए थे, और एक सप्ताह के बाद सेना की ड्यूटी के लिए वापस लौट गए थे।
शहीद के परिवार में मातम, गांव में उमड़ी भीड़ चंद्र प्रकाश के निधन की सूचना मिलते ही गांव में गम का माहौल छा गया। शहीद जवान की पत्नी स्नेहा पटेल और ढाई साल के बेटे अयांश के साथ उनका परिवार गहरे शोक में डूबा हुआ है। परिवार के अन्य सदस्य, विशेष रूप से उनके माता-पिता राजपति और राजनाथ पटेल, जो शहादत की खबर सुनकर विलाप कर रहे थे, इस दुःखद घटना से बुरी तरह प्रभावित हैं।

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