
Category: एजुकेशन


विद्यालय में जर्जर पीपल का पड़ टूटी चहारदिवारी से खतराजागरण संवादाता चहनिया चन्दौली।क्षेत्र स्थित कम्पेजिट विद्यालय लक्षमनगढ़ में विद्यालय की चहार दिवारी गुणवत्ता विहीन बनने के कारण जगह-जगह टूट कर क्षतिग्रस्त हे गयी। साथ विद्यालय प्रागण से सअे विशालकाय जर्जर पीपल का पेड़ भारी दुर्घटना को दावत दे रहा है। इतनी बड़ी गम्भीर समस्या से विद्यालय सबंधित अध्किारी, ग्राम प्रधान जिले के अधिकारी मौन साधे हुए है।गौरतलब तो यह है कि प्रायः बच्चे विद्यालय के प्रागण में ख्ेलते नजर आते है और चहारदिवारी अूटी होने के कारण वह कब विद्यालय से बाहर हो जायेगे इसका किसी को अंदाजा नही रहता। इतना ही बलिक बच्चे खेलते-खेते उसी विशालकाय जर्जर पीपल के बृक्ष के नीचे आकर बैठ जाते है और वह पेड़ कब गिर जायेगा इसे कोई नही बता सकता। जबकि इस वर्ष पेड़ काफी पुराना होने के कारण भयंकर वारिष व तेज हवा के कारण वह 75अंश के कोण पर आकर टिका हुआ वह कब जमीदोज हो जायेगा यह भगवान भरोसे ही है। जबकि गौर करे तो विद्यालय प्रांगण में अगर बारिश हो जाय तो जलजमाव का होना तय है। वही ग्रामीणां सहित गाव के सम्भ्रान्तां का कहना है कि शिक्षा के विभाग के आलाधिकारी तत्काल मामले को गम्भीरता से लेते हुए जर्जर पीपल को कटवाते हुए टूटी हुई चहारदिवारी को अविलम्ब बनवाये जाने की मांग की है। ताकि समय रहते भारी घटना को रोका जा सके। इस संदर्भ में एबीएस सुरेन्द्र सहाय ने बताया मामला संज्ञान में नही जाचं कर आवश्यक कार्रवाई की जायेगी।
October 8, 2025
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स्वास्थ्य सेवाओं में एक नया आयाम: रिबॉर्न ट्रस्ट और निफा चंदौली का संयुक्त प्रयास
September 18, 2025
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जिला स्तरीय मेहंदी प्रतियोगिता में एकता भारती जी ने मारी बाज़ीचंदौली, 13 जुलाई:
July 14, 2025
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मानवाधिकार न्यूज़ की ओर से मज़दूरों को समर्पित एक अपील
“फिर से चाहिए 8 घंटे का अधिकार –
मज़दूर न किसी का ग़ुलाम है, न कोई व्यापार!”
आज 1 मई – अंतर्राष्ट्रीय मज़दूर दिवस है। यह वह दिन है जब पूरी दुनिया उन मेहनतकश हाथों को सलाम करती है, जिन्होंने अपने खून-पसीने से दुनिया का निर्माण किया है।
लेकिन आज एक बार फिर वही सवाल खड़ा है –
क्या हमारे मज़दूरों को वह सम्मान, वह अधिकार मिल पा रहे हैं जिसके लिए उन्होंने लड़ाई लड़ी थी?
1886 में अमेरिका के शिकागो में जब मज़दूरों ने 8 घंटे की शिफ्ट के लिए अपनी जानें दीं, तब जाकर यह अधिकार मिला।
मगर आज फिर वही मज़दूर 12 से 18 घंटे काम करने को विवश है –
कम मज़दूरी, ज़्यादा काम, और सम्मान शून्य।
मानवाधिकार न्यूज़ की ओर से हम यह स्पष्ट संदेश देना चाहते हैं:
8 घंटे का काम मज़दूर का हक़ है, एहसान नहीं।
हर श्रमिक को सामाजिक सुरक्षा, स्वास्थ्य, और काम का सुरक्षित वातावरण मिलना चाहिए।
मज़दूर को कोई ठेके का सामान न समझें – वह भी एक इंसान है, जिसके सपने हैं, परिवार है, और जीने का हक़ है।
आज की सबसे बड़ी ज़रूरत है –
मज़दूरों की आवाज़ को फिर से बुलंद करना।
उनके हक़ के लिए एकजुट होना।
हमारा संकल्प:
“रोटी भी चाहिए, इज़्ज़त भी चाहिए,
इंसान हैं हम – गुलाम नहीं!”
आपका
संजय रस्तोगी
राष्ट्रीय अध्यक्ष – मानवाधिकार न्यूज़
May 1, 2025
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पिता संस्था ने अलीनगर में आयोजित किया चोथा निःशुल्क आयुष्मान कार्ड कैम्प एवं दसवां निःशुल्क मेडिकल कैम्प
January 18, 2025
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