गरीब नवाज रिलीफ फाउंडेशन (GNRF) कंबल वितरण अभियान सफलतापूर्वक आयोजित

गरीब नवाज रिलीफ फाउंडेशन (GNRF)

कंबल वितरण अभियान सफलतापूर्वक आयोजित

सर्दी के मौसम में राहत पहुंचाने के उद्देश्य से गरीब नवाज रिलीफ फाउंडेशन (GNRF), जो दावत-ए-इस्लामी इंडिया का एक वेलफेयर डिवीजन है, ने जरूरतमंद और असहाय लोगों के लिए कंबल वितरण अभियान सफलतापूर्वक आयोजित किया। इस पहल का मुख्य उद्देश्य सर्दी के मौसम में ठंड से जूझ रहे लोगों की मदद करना था।

यह कार्यक्रम GNRF की प्रबंधन टीम और समर्पित वॉलंटियर्स के सहयोग से आयोजित किया गया, जिन्होंने ठंड से राहत पहुंचाने के लिए जरूरतमंद परिवारों, बच्चों और बुजुर्गों के बीच कंबल वितरित किए।

इस आयोजन का मकसद केवल राहत पहुंचाना नहीं था, बल्कि जरूरतमंदों के साथ सहानुभूति और एकजुटता प्रकट कर उन्हें यह एहसास दिलाना था कि समाज उनका साथ देने के लिए हमेशा तैयार है। कंबल पाकर लाभार्थियों के चेहरों पर मुस्कान देखना ही इस कार्यक्रम की सबसे बड़ी सफलता रही।

हम उन सभी दानदाताओं और वॉलंटियर्स का तहे दिल से शुक्रिया अदा करते हैं, जिनके योगदान से यह नेक कार्य संभव हो सका। गरीब नवाज रिलीफ फाउंडेशन (GNRF) भविष्य में भी ऐसे जनकल्याणकारी कार्यों को जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध है।

जो लोग इस प्रकार के कार्यक्रमों में अपना योगदान देना चाहते हैं, वे ऑनलाइन दान कर सकते हैं:
वेबसाइट: www.gnrf.in/donations/gnrf

संपर्क जानकारी:
समय: [कार्यक्रम का समय] रात्रि
01:30 Am.
तारीख: [कार्यक्रम की तारीख]
01/01/2025
पता: [कार्यक्रम का स्थान]
मुगलसराय
मुफिद आलम,शहीद साहब,रेहान अशरफ,अनवर साहब आदि मौजूद थे [संपर्क विवरण]

जारीकर्ता: GNRF के जानिब से
गरीब नवाज रिलीफ फाउंडेशन (GNRF)
(दावत-ए-इस्लामी इंडिया का वेलफेयर डिवीजन)

रिपोर्ट राहुल मेहानी

मानवाधिकार न्यूज़ की ओर से मज़दूरों को समर्पित एक अपील
“फिर से चाहिए 8 घंटे का अधिकार –
मज़दूर न किसी का ग़ुलाम है, न कोई व्यापार!”

आज 1 मई – अंतर्राष्ट्रीय मज़दूर दिवस है। यह वह दिन है जब पूरी दुनिया उन मेहनतकश हाथों को सलाम करती है, जिन्होंने अपने खून-पसीने से दुनिया का निर्माण किया है।
लेकिन आज एक बार फिर वही सवाल खड़ा है –
क्या हमारे मज़दूरों को वह सम्मान, वह अधिकार मिल पा रहे हैं जिसके लिए उन्होंने लड़ाई लड़ी थी?

1886 में अमेरिका के शिकागो में जब मज़दूरों ने 8 घंटे की शिफ्ट के लिए अपनी जानें दीं, तब जाकर यह अधिकार मिला।
मगर आज फिर वही मज़दूर 12 से 18 घंटे काम करने को विवश है –
कम मज़दूरी, ज़्यादा काम, और सम्मान शून्य।

मानवाधिकार न्यूज़ की ओर से हम यह स्पष्ट संदेश देना चाहते हैं:

8 घंटे का काम मज़दूर का हक़ है, एहसान नहीं।

हर श्रमिक को सामाजिक सुरक्षा, स्वास्थ्य, और काम का सुरक्षित वातावरण मिलना चाहिए।

मज़दूर को कोई ठेके का सामान न समझें – वह भी एक इंसान है, जिसके सपने हैं, परिवार है, और जीने का हक़ है।


आज की सबसे बड़ी ज़रूरत है –
मज़दूरों की आवाज़ को फिर से बुलंद करना।
उनके हक़ के लिए एकजुट होना।

हमारा संकल्प:
“रोटी भी चाहिए, इज़्ज़त भी चाहिए,
इंसान हैं हम – गुलाम नहीं!”

आपका
संजय रस्तोगी
राष्ट्रीय अध्यक्ष – मानवाधिकार न्यूज़

✍आज दिनांक २१/१२/२४ दिन शनिवार को पिछले वर्षों की भांति इस वर्ष भी समाज सेवा सोसायटी वाराणसी महानगर के द्वारा रेलवे पुलिस के संयुक्त तत्वाधान में रेलवे परिसर के आसपास के गरीब अशाह व्यक्तियों को गर्म कपड़ों का वितरण। रेलवे पुलिस  के क्षेत्राधिकार कुंवर प्रभात सिंह एवं इंस्पेक्टर हेमंत सिंह के उपस्थिति में सोसायटी के महानगर के पदाधिकारीगण एवं महानगर से संबंधित सर्किल एवं शाखा पदाधिकारी एवं सदस्यों एवं अन्य सभी ने मिलकर गर्म कपड़ों के वितरण का काम किया।

वितरण कार्यक्रम में सोसाइटी के महानगर अध्यक्ष इंद्र कुमार मौर्य, महानगर उपाध्यक्ष सतीश गुप्ता,महानगर सचिव संजू श्रीवास्तव, उप सचिव राहुल केसरी, संतोष मिश्रा,
शाखा अध्यक्ष मनोज गुप्ता, नौशाद कुरेशी, अभय पटेल, सलीम जावेद चंद्र पिंटू सुनील कुमार मोहम्मद अख्तर मोहम्मद अख्तर ,रमजान,
एवं अन्य पदाधिकारी उपस्थित है।

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