मानवाधिकार न्यूज़ -: महाराष्ट्र पुणे के विजय विहार की मेमोरियल एरिया में शहीदों की स्मृति में दीप जलाकर दी गई श्रद्धांजलि”

रिपोर्ट – शिखा पाठक

मानवाधिकार न्यूज़ -: महाराष्ट्र पुणे के विजय विहार की मेमोरियल एरिया में शहीदों की स्मृति में दीप जलाकर दी गई श्रद्धांजलि”

एक दीपक देश के शहीदो के नाम आज दिनांक 1 नवंबर विजय विहार के मेमोरियल ऐरिया मे एक दीपक प्रज्वलित कर के हमारे देश के शहीदो को नमन किया।
सभी सम्मानीय विजय विहार निवासी अपने घरों से दीपक लाए और कर्नल विजय कुमार बख़्शी की प्रतिमा के सामने दीप प्रज्वलित कर के उन्हें श्रद्धांजलि दी। विजय विहार सोसायटी का नाम इन्हीं के नाम पर रखा गया है ।
1 नवंबर को 7:30 बजे मेमोरियल एरिया फाउंटेन के पास यह कार्यक्रम रखा गया।
इस अवसर पर समाजसेवकों, अधिकारियों और शहीदों के परिजनों ने देश की सेवा में अपने प्राण न्योछावर करने वाले वीर जवानों की याद में दीप जलाए। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य शहीदों के बलिदान को स्मरण करना और समाज में उनके योगदान की महत्ता को समझाना था। उपस्थित जनसमूह ने अपने हाथों में दीप लेकर एक साथ शहीदों के प्रति श्रद्धा व्यक्त की और देश की एकता व अखंडता बनाए रखने का संकल्प लिया।
शहीदों को दीप जलाकर नमन क्यों किया जाता है?
दीप जलाना भारतीय परंपरा में श्रद्धा और सम्मान का प्रतीक है। शहीदों की स्मृति में दीप जलाने का उद्देश्य उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करना और उनके बलिदान को हमेशा याद रखना है।
इस अवसर पर विंग कमांडर एस के सिंह ने कहा, “हमारे शहीदों का बलिदान हमेशा देशवासियों के दिलों में जिंदा रहेगा। उनकी कुर्बानी हमें देशभक्ति और समाज सेवा के लिए प्रेरित करती है। उनके त्याग को कभी भुलाया नहीं जा सकता।”
इसमें कर्नल मुरली जी, जिंदल जी,राजेश रंजन जी,समिति जी, मालती रंजन जी इत्यादि लोग मौजूद थे।

आज बिजली विभाग के लापरवाही से बिजली कर्मचारि को करेंट लगने से हालत हुई गंभीर
मुगलसराय लॉट नं.दो पानी टंकी के पास खंबा नंबर 3  बिजली चालू हो जाने से काम कर रहे कर्मचारी को करेंट लगने से हालत गंभीर,तत्काल कर्मचारी को ट्रामा सेंटर ले जाया गया।                             रिपोर्ट – अभिषेक निगम

विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून 2024

पर्यावरण  बचाओ  मिलकर, मत कर तेरी मेरी।
वृक्ष लगा हरियाली लाओ, बिना किसी भी देरी।।
जग-प्रांगण में  वृक्ष लगाना, यह कर्तव्य  हमारा।
सुखमय जीवन हेतु सभीके,केवल प्रकृति सहारा।।

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