डीडीयू नगर चंदौली। मुगलसराय में
सिक्ख समुदाय ने कंगना रनौत की आगामी फिल्म इमरजेंसी के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया।

फिल्म इमरजेंसी मुवी में सिक्ख समुदाय की छवि हुई धूमिल 

विरोध में गुरुद्वारा  परिसर में प्रदर्शन

डीडीयू नगर चंदौली। मुगलसराय में
सिक्ख समुदाय ने कंगना रनौत की आगामी फिल्म इमरजेंसी के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। इस फिल्म में सिक्खों की छवि को गलत ढंग से प्रस्तुत कर, उनकी छवि को धूमिल करने का प्रयास किया गया है, जो कि वास्तविकता से परे और अत्यंत निंदनीय है। इस विरोध में लगभग 250-300 पुरुष, वृद्ध, बच्चे, महिलाएं और अन्य समर्थक शामिल हुए, जिन्होंने फिल्म के खिलाफ अपनी भावनाओं का स्पष्ट रूप से प्रदर्शन किया और  गुरु ग्रंथ साहिब से मति भ्रष्ट कंगना रनौत को सद्बुद्धि प्रदान करने के लिए अरदास की गयी। जहां
सिक्ख धर्म के वीर योद्धाओं ने स्वतंत्रता संग्राम में अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है और देश की सीमा पर अपने प्राणों की आहुति दी है। हमारे गुरुओं ने हिंदुत्व की रक्षा के साथ हीभी समाज और देश की सेवा के लिए अपार बलिदान दिया। ऐसे में यह अत्यंत दुखद और अपमानजनक है कि किसी द्वारा हमारे समुदाय के प्रति ऐसा गलत और असंवेदनशील चित्रण किया जा रहा है। यह हमारे ऐतिहासिक योगदान, बलिदान और सेवा का अपमान है।
इस अवसर चढदी कला कार सेवा संस्था के  साथ ही गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी के प्रधान रंजीत सिंह शम्मी , सेक्रेटरी महेंद्र सिंह (पत्रकार), सतनाम सिंह (सोशल ऐक्टिविस्ट), मनमीत सिंह राजन मनजीत सिंह, गुरदीप सिंह, रवनीत सिंह, बलबीर सिंह, हरदीप सिंह, सुखविंदर सिंह, राजा सिंह, रोहित सचदेवा, हैप्पी सिंह, विक्की सिंह, कुलविंदर सिंह, नरेंद्र पाल सिंह, अवतार सिंह, रंजीत सिंह, बॉबी सिंह, विक्की जुनेजा, सतनाम सिंह मोगा, गुलशन अरोड़ा, इकबाल सिंह, गुरदीप सिंह, डिम्पल सिंह, सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। प्रदर्शनकारियों ने फिल्म और कंगना रनौत के खिलाफ जोरदार नारे लगाए, जैसे “अपमान सहेंगे नहीं, चुप बैठेंगे नहीं”, “फिल्म पर पाबंदी लगाओ, सिखों की भावनाओं बचाओ”, “धर्म की आड़ में नहीं सहेंगे व्यापार”, “इंसाफ का ऐलान हो, नहीं सहेंगे सिखों का अपमान” और “सिखों की मान-सम्मान की रक्षा करो”।
सिख समाज इस फिल्म में किए गए गलत चित्रण की कड़ी निंदा करता है और मांग करता है कि इस फिल्म पर तत्काल प्रतिबंध लगाया जाए। हमारी भारत फिल्म सेंसर बोर्ड और सरकार से अपील है कि वे इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सिक्ख समुदाय की भावनाओं की रक्षा करें और इस प्रकार के अपमानजनक और गलत चित्रण को रोकने के लिए उचित कदम उठाएं।

संवाददाता राहुल मेहानी

सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता 29 कोपीडीडीयू नगर। एमआईआईटी ​शिक्षण संस्थान की ओर से 29 सितंबर को नगर पालिका इंटर कॉलेज में जिलास्तरीय सामान्य ज्ञान, चित्रकला, मेंहदी, निबंध व क्वीज प्रतियोगिता का आयोजन किया गया है। संस्था के निदेशक जुबेर अहमद ने बताया कि यह प्रतियोगिता पिछले 24 वर्षो लगातार किया जा रहा है। इसमें कक्षा एक से पीजी तक के छात्र-छात्राएं प्रतिभाग कर सकते हैं। इच्छुक प्रतिभागी प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए 26 सितंबर तक संस्था पहुंचकर अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। प्रतियोगिता के विजेताओं को आकर्षक उपहार के साथ सम्मानित किया जाएगा।

मानवाधिकार न्यूज़ की ओर से मज़दूरों को समर्पित एक अपील
“फिर से चाहिए 8 घंटे का अधिकार –
मज़दूर न किसी का ग़ुलाम है, न कोई व्यापार!”

आज 1 मई – अंतर्राष्ट्रीय मज़दूर दिवस है। यह वह दिन है जब पूरी दुनिया उन मेहनतकश हाथों को सलाम करती है, जिन्होंने अपने खून-पसीने से दुनिया का निर्माण किया है।
लेकिन आज एक बार फिर वही सवाल खड़ा है –
क्या हमारे मज़दूरों को वह सम्मान, वह अधिकार मिल पा रहे हैं जिसके लिए उन्होंने लड़ाई लड़ी थी?

1886 में अमेरिका के शिकागो में जब मज़दूरों ने 8 घंटे की शिफ्ट के लिए अपनी जानें दीं, तब जाकर यह अधिकार मिला।
मगर आज फिर वही मज़दूर 12 से 18 घंटे काम करने को विवश है –
कम मज़दूरी, ज़्यादा काम, और सम्मान शून्य।

मानवाधिकार न्यूज़ की ओर से हम यह स्पष्ट संदेश देना चाहते हैं:

8 घंटे का काम मज़दूर का हक़ है, एहसान नहीं।

हर श्रमिक को सामाजिक सुरक्षा, स्वास्थ्य, और काम का सुरक्षित वातावरण मिलना चाहिए।

मज़दूर को कोई ठेके का सामान न समझें – वह भी एक इंसान है, जिसके सपने हैं, परिवार है, और जीने का हक़ है।


आज की सबसे बड़ी ज़रूरत है –
मज़दूरों की आवाज़ को फिर से बुलंद करना।
उनके हक़ के लिए एकजुट होना।

हमारा संकल्प:
“रोटी भी चाहिए, इज़्ज़त भी चाहिए,
इंसान हैं हम – गुलाम नहीं!”

आपका
संजय रस्तोगी
राष्ट्रीय अध्यक्ष – मानवाधिकार न्यूज़

Skip to content